10 दिन में डाॅक्टर, प्राेफेसर, टीचर सहित 1 दर्जन से 15 लाख ठगे, पुलिस टरका रही

नया साल शुरू हाेते ही जोधपुर में ऑनलाइन ठगी का सिलसिला बढ़ गया है। हजार किलोमीटर दूर जंगलों में बैठे शातिर नए-नए तरीकों से डाॅक्टर, प्राेफेसर, शिक्षक सहित ग्रामीणों काे भी शिकार बना रहे हैं। किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी से बचने का एक सिर्फ एक ही रास्ता है। जैसे हम अपने घर में किसी अनजान काे घुसने नहीं देते, उसी तरह अपने मोबाइल में भी किसी काे न घुसने दें। इसके लिए आपकाे सिर्फ फाेन पर काेई भी जानकारी नहीं देना है।



शुक्रवार काे फिर पेटीएम केवाईसी सस्पेंड हाेने के बहाने तीन लाेगाें काे ठगने के मामले सामने आए हैं। शातिरों ने इन्हें भी 24 घंटे में अकाउंट ब्लॉक होने की चेतावनी देकर शिकार बनाया और 3.26 लाख रुपए उनके खातों-कार्ड से उड़ा लिए। इनमें से एक होम्योपैथी डॉक्टर हैं, जिनसे करीब 97 हजार ताे दूसरे शिक्षक हैं, जिनसे 1.40 लाख और तीसरे रिटायर्ड प्रोफेसर हैं, जिनसे 90 हजार रुपए की ठगी हुई है। एक केस चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में तो दूसरा उदय मंदिर थाने में दर्ज किया गया है, जबकि रिटायर्ड प्रोफेसर को बासनी पुलिस ने यह कहते हुए टरका दिया कि रिपोर्ट दर्ज कराने से कोई फायदा नहीं, बयान लिखवा दो। शहर में 26 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच एक दर्जन लाेगाें से 15 लाख रुपए की ठगी हाे चुकी है।
हैरानी की बात ताे यह है कि ऐसे मामलों में पहले पुलिस केस दर्ज नहीं करती है और पीड़ित के जोर देकर केस दर्ज करवा दिया ताे बाद में एफआर लगाने की कोशिश करती है। हास्यास्पद स्थिति ताे यह है कि एक ही प्रकृति के इन मामलों में भी जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के सभी थाने अलग-अलग धाराएं लगा रहे हैं और आईटी एक्ट की धाराएं ही नहीं जोड़ रहे हैं। पुलिस को यह भी पता है कि ज्यादातर शातिर ठग झारखंड के जामताड़ा इलाके के हैं और कुछ राजस्थान के धौलपुर, भरतपुर इत्यादि जिलों में बैठे हैं।
  
मैसेज पढ़ कॉल करके फंसे
चौहाबो निवासी टीचर मनजीतसिंह राठौड़ ने चाैहाबाे थाने में रिपोर्ट दी है। राठौड़ ने बताया कि गुरुवार को मोबाइल पर मैसेज आया था, जिसमें पेटीएम केवाईसी सस्पेंड होने की जानकारी थी। उसमें दिए गए नंबर पर कॉल किया, लेकिन बात नहीं हुई। कुछ देर बाद राठौड़ के मोबाइल पर 7029339236 नंबर से कॉल आई। झांसे में लेकर उस शख्स ने राठौड़ के मोबाइल पर क्विक सपोर्ट एप इंस्टाल कराया। फिर उस एप से जनरेट हुए यूजर आईडी पासवर्ड लेकर मोबाइल हैक कर लिया और उनके एसबीआई अकाउंट से 49990 और 39990 रुपए उड़ा लिए। इसके मैसेज नहीं मिलने के कारण शातिर ने दूसरे बैंक खाता नंबर मांगे, तो राठौड़ ने उसे सहकर्मी टीचर कल्पना राव के खाता नंबर दे दिए, तो शातिर ने उनके ओटीपी नंबर लेकर राव के खाते से भी 49900 रुपए से ऑनलाइन शॉपिंग कर ली। ठगी का अहसास होने पर थाने पहुंचे और पुलिस की मदद से वॉलेट-अकाउंट ब्लॉक कराने की प्रक्रिया करवाई। दूसरे दिन भी राठौड़ के पास उसी नंबर से कॉल आते रहे, लेकिन पुलिस ने उस नंबर को ब्लॉक करने के कोई प्रयास नहीं किए।



पुलिस ने कहा- रिपोर्ट से कोई फायदा नहीं
सरस्वती नगर इलाके में नाकोड़ा कॉलेज के प्रिंसिपल व रिटायर्ड प्रो. सुखवीरसिंह बैंस के साथ बदमाश ने 90 हजार रुपए की ठगी की। प्रो. बैंस ने बताया कि करीब 10 बजे मोबाइल पर पेटीएम केवाईसी सस्पेंड होने का मैसेज आया था। उसमें दिए गए नंबर पर कॉल किया, लेकिन नो रिप्लाई रहा। दोपहर करीब दो-ढाई बजे एक नंबर से कॉल आया। उसने केवाईसी अपडेट कराने के लिए बताए अनुसार मोबाइल में एक एप्लिकेशन इंस्टाल कराया। इसके साथ ही पेटीएम में जाकर डेबिट कार्ड से 10 रुपए का पेमेंट करने को कहा। इसी तरह बातों में उलझाकर शातिर ने एक लिंक भी भेजा और उस पर क्लिक करने के कुछ ही देर में प्रो. बैंस के एसबीआई क्रेडिट कार्ड से 40 हजार रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा के डेबिट कार्ड से 50 हजार रुपए उड़ा लिए। शिकायत करने वे बासनी थाने पहुंचे ताे सब इंस्पेक्टर ने केस दर्ज करने की बजाय टरका दिया। बैंस के अनुसार एसआई ने कहा था कि केस दर्ज कराने से भी कोई फायदा होने वाला नहीं है। कार्ड ब्लॉक करवा दो, ताकि और रुपए नहीं निकले।



डॉक्टर ने गंवाए 89 हजार
सोजती गेट पटवा हवेली निवासी होम्योपैथी डॉ. महेंद्र पटवा ने उदय मंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात 9:00 बजे पेटीएम केवाईसी से संबंधित मैसेज आया। बाद में कॉल करके पेटीएम अकाउंट अपडेट करने की बात कहते हुए दूसरे नंबर पूछे। डॉ. पटवा ने लैंडलाइन नंबर बताया, तो उस पर कॉल कर शातिर ने केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर मोबाइल में क्विक सपोर्ट एप इंस्टाल कराया। इसके बाद उसमें आई यूजर आईडी पासवर्ड लेकर शातिर ने पेटीएम से जुड़े बैंक ऑफ बड़ौदा के क्रेडिट कार्ड से 9980 रुपए किसी मोबिक्विक वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए। बाद में पेटीएम वॉलेट में पड़े 5000 और दो हजार रुपए निकाल लिए। पटवा ने तत्काल बैंक ऑफ बड़ौदा के कस्टमर केयर पर बात कर शिकायत दर्ज कराई। पता चला कि शातिर ने उनके क्रेडिट कार्ड से कुल 89,662.99 रुपए निकाल लिए थे। इस तरह शातिर ने 96,662.99 रुपए की ठगी कर डाली।